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प्रस्तुतकर्ता
Dinesh Chandra
को
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कुंदरू के फायदे
हरी सब्जियों में मौजूद पोषक तत्व और फाइबर अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं, इसीलिए डॉक्टर रोजाना हरी सब्जियों के सेवन की सलाह देते हैं, कुंदरू भी ऐसी ही एक हरी सब्जी है, जो कई औषधीय गुणों से भरपूर है, सिरदर्द और कान के दर्द से राहत दिलाने के अलावा यह डायबिटीज और गोनोरिया जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी फायदा पहुंचाती है |
kundru ke fayde |
कुंदरू क्या है ?
कुंदरू का पौधा आमतौर पर खरपतवार या झाड़ियों के रूप में पाया जाता है, यह एक मौसमी सब्जी है जो दिखने में परवल के जैसी होती है, झाड़ी के रूप में फैले इस पेड़ के फूलों का रंग सफ़ेद होता है, इस सब्जी के सेवन से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है।
अन्य भाषाओं में कुंदरू के नाम
कुंदरू का वानस्पतिक नाम कॉक्सीनिया ग्रेन्डिस है और यह कुकुरबिटेसी कुल का पौधा है, आइए जानते हैं कि अन्य भाषाओं में कुंदरू को किन नामों से जाना जाता है।
- Sanskrit : बिम्बी, रक्तफला, तुण्डिका, तुण्डी, तुण्डिकेरी, ओष्ठोपमफला, बिम्बिका, ओष्ठी, कर्मकारी, तुण्डिकेरिका, बिम्बा, बिम्बक, कम्बजा, गोह्वी, रुचिरफला, छर्दिनी, तिक्ततुण्डी, तिक्ताख्या, कटुका, कटुतुण्डिका
- Hindi : कन्दूरी, बिम्बी, कुनली, कुनरी, कुन्दुरू
- Odia : कुन्द्र, कुंदरू
- Urdu : कुन्दरू
- Assam : कुन्डुली
- Konkani : तेन्दुलेम
- Kannad : कोंडे बल्ली
- Gujrati : घोलां, घोली
- Tamil : कोवाइ
- Telugu : बिम्बिका, दोंडातिगे
- Bengali : बिम्बु, तेला कुचा
- Nepali : कुन्दी
- Punjabi : घोल, कन्दूरी
- Marathi : तोंडली
- Malyalam : कवेल, कोवा |
कुंदरू के औषधीय गुण
- कुन्दरु कषाय, मधुर, शीत, लघु, रूक्ष, कफपित्तशामक, स्तम्भक, लेखन, रुचिकारक, प्रज्ञानाशक, वामक, विबन्धकारक, आध्मानकारक, स्तन्यकारक तथा वमनोपग होता है।
- यह तृष्णा, दाह, ज्वर, कास, श्वास, क्षय, रक्तपित्त, शोफ, पाण्डु, कामला, शोथ, मेद, शिरशूल, गुल्म तथा आभ्यन्तर विद्रधिशामक होता है।
- कुन्दरू का शाक मधुर, तिक्त, कषाय, शीत, लघु, संग्राही, वातकारक तथा कफपित्तशामक होता है।
- इसके पुष्प तिक्त, पित्तशामक तथा विशेष रूप से कामला में लाभप्रद होते हैं।
- इसके फल मधुर, शीत, स्तम्भक, लेखन, गुरु, पित्तवातशामक, आध्मानकारक तथा विबन्धकारक होते हैं।
- इसके पत्रों के सार को २ से ३ ग्राम प्रति दिन प्रयोग करने से ३ से ४ दिन में ही संक्रमित यकृत् शोथ को अपने विशिष्ट प्रभाव से कम कर देता है।
कुंदरू के फायदे और उपयोग
कुंदरू की सब्जी खाने के कई फायदे हैं, इसमें कफ और पित्त को नियंत्रित करने वाले गुण होते हैं, त्वचा रोगों और डायबिटीज जैसी बीमारियों में इसके सेवन को फायदेमंद बताया गया है, आइये जानते हैं कि अलग-अलग समस्याओं के इलाज में कुंदरू का उपयोग कैसे करें।
कुंदरू सिरदर्द में फायदेमंद है
सिरदर्द से आराम पाने में आप कुंदरू का उपयोग कर सकते हैं, जब भी सिरदर्द हो तो कुंदरू की जड़ को पीसकर माथे पर लगाएं, यह सिरदर्द दूर करने में मदद करता है।
कुंदरू कान के दर्द से आराम दिलाता है
आयुर्वेद के अनुसार कुंदरू में मौजूद औषधीय गुण कान के दर्द से आराम दिलाने में सहायक है, विशेषज्ञों का कहना है कि कान दर्द होने पर कुंदरू के पौधे के रस में सरसों का तेल मिलाकर १ से २ बूँद कान में डालें, इससे कान दर्द से आराम मिलता है।
कुंदरू जीभ के घावों को ठीक करता है
आयुर्वेद में जीभ पर छाले होने की समस्या को ठीक करने के लिए कई घरेलू उपाय बताए हैं, उनमें से कुंदरू का उपयोग करना भी एक है, अगर आपकी जीभ पर छाले निकल आए हैं, तो कुंदरू के हरे फलों को चूसें, इससे छाले जल्दी ठीक होते हैं।
कुंदरू सांस की नली की सूजन को घटाता है
कुंदरू की पत्तियां और तने का काढ़ा बनाकर पीने से सांस की नली की सूजन दूर होती है, इसके अलावा इसे पीने से सांस से जुड़ी बीमारियो में भी लाभ मिलता है, खुराक संबंधी अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सम्पर्क जरूर करें।
कुंदरू आंत के कीड़ों को खत्म करने में सहायक है
आंतों में कीड़े पड़ना एक आम समस्या है और बड़ों की तुलना में बच्चे इस समस्या से ज्यादा परेशान रहते हैं, कुंदरू के पेस्ट से पकाए हुए घी की ५ ग्राम मात्रा का सेवन करने से आंतों के कीड़े खत्म होते हैं, खुराक संबंधी अधिक जानकारी के लिए नजदीकी चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।
कुंदरू डायबिटीज के इलाज में मदद करता है
डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है और आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो घरेलू उपायों की मदद से डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो कुंदरू का उपयोग आपके लिए बहुत फायदेमंद है।
कुंदरू गोनोरिया के इलाज में सहायक है
गोनोरिया एक यौन संचारित रोग है और इसमें जननांगो के आस पास वाले हिस्सों में संक्रमण हो जाता है, अगर आप गोनोरिया से पीड़ित हैं, तो कुंदरू आपके लिए फायदेमंद हो सकती है, विशेषज्ञों के अनुसार कुंदरू की पत्तियों के रस की ५ मिली मात्रा का सेवन करें, अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।
कुंदरू गठिया के दर्द से आराम दिलाती है
अगर आप गठिया के मरीज हैं और घुटनों या जोड़ों में दर्द और सूजन से अक्सर परेशान रहते हैं, तो कुंदरू का उपयोग करें, कुंदरू की जड़ को पीसकर जोड़ों पर लगाएं, ऐसा करने से दर्द और सूजन में लाभ मिलता है।
कुंदरू त्वचा रोगों और कुष्ठ रोगों में फायदा पहुंचाती है
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है, कि त्वचा रोगों और कुष्ठ रोग के इलाज के लिए आप कुंदरू का उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए आप निम्न तरीको से कुंदरू का उपयोग कर सकते हैं :-
त्वचा रोग होने पर कुंदरू की पत्तियों को तेल के साथ पकाएं और इसे छानकर त्वचा के प्रभावित हिस्से पर लगाएं, कुष्ठ रोग होने पर चित्रकमूल, बड़ी इलायची, कुन्दरू, अडूसा की पत्तियां, निशोथ, मदार पत्र और सोंठ इन द्रव्यों को समान मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें, फिर पलाश से बने क्षार को गोमूत्र में घोलकर छान लें, इसके बाद इसे गोमूत्र की भावना देकर लेप बना लें, इस लेप को शरीर पर लगाकर कुछ देर धूप में बैठने से कुष्ठ में लाभ होता है।
कुंदरू घाव को जल्दी भरने में मदद करती है
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि कुंदरू की पत्तियों को घी के साथ पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है, अगर घाव में पस भर गया है तो इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
कुंदरू बुखार से आराम दिलाती है
बुखार होने पर तुरंत दवा खाने की बजाय पहले घरेलू उपाय अपनाने चाहिए, विशेषज्ञों का कहना है कि कुंदरू की जड़ और पत्तियों को पीसकर इसका रस निकाल लें, इस रस को पूरे शरीर पर लेप के रूप में लगाने से बुखार में आराम मिलता है।
कुंदरू बाल ग्रहों को दूर करने में सहायक है
आयुर्वेद के अनुसार कुंदरू के उपयोग से बाल ग्रहों को दूर किया जा सकता है, इसके लिए कई तरीके बताए गए हैं, अनन्ता, कुक्कुरी, बिम्बी तथा कौंच को बालक के गले में धारण कराने से बालगृह दूर होते हैं, इसी तरह काकतिन्दुक, चित्रफला, बिम्बी तथा गुञ्जा को गले में धारण कराने से बालगृह दूर होते हैं, इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।
कुंदरू सांप या बिच्छू के विष के प्रभाव को कम करता है
सांप या बिच्छू के काट लेने पर यदि आप उस जगह पर कुंदरू के फल को पीसकर लगाएं, तो यह जहर के प्रभाव को कम करने में मदद करता है, हालांकि ऐसी परिस्थितियों में पहले नजदीकी चिकित्सक के पास जाएं और इलाज जरूर कराएं।
कुंदरू के उपयोगी भाग
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कुंदरू की पत्तियां, फूल और जड़ें सेहत के लिए उपयोगी हैं।
कुंदरू का उपयोग कैसे करें
वैसे तो आमतौर पर आप कुंदरू की सब्जी खाकर इसके फायदों का लाभ ले सकते हैं, लेकिन अगर आप किसी गंभीर बीमारी के घरेलू इलाज के लिए इसका उपयोग करना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
कुंदरू कहां पायी या उगाई जाती है ?
पूरे देश के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में कुंदरू खरपतवार के रूप में पायी जाती है, लेकिन कई जगहों पर इसकी खेती भी की जाती है।
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