गवेधुका के फायदे | gavedhuka ke fayde

मीठा नीम के फायदे

मीठा नीम के फायदे 

कढ़ी पत्ते का पेड़ उष्णकटिबंधीय तथा उप-उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में पाया जाने वाला रुतासी परिवार का एक पेड़ है, जो मूलतः भारत का देशज है, अकसर रसेदार व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले इसके पत्तों को कढ़ी पत्ता कहते हैं, कुछ लोग इसे मीठी नीम की पत्तियां भी कहते हैं, इसके तमिल नाम का अर्थ है- वो पत्तियां जिनका इस्तेमाल रसेदार व्यंजनों में होता है, कन्नड़ भाषा में इसका शब्दार्थ निकलता है- काला नीम क्योंकि इसकी पत्तियां देखने में कड़वे नीम की पत्तियों से मिलती-जुलती हैं, लेकिन इस कढ़ी पत्ते के पेड़ का नीम के पेड़ से कोई संबंध नहीं है, असल में कढ़ी पत्ता, तेज पत्ता या तुलसी के पत्तों जो भूमध्यसागर में मिलने वाली ख़ुशबूदार पत्तियां हैं से बहुत अलग है।

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मीठा नीम के फायदे 

मीठा नीम का विवरण :-

यह पेड़ छोटा होता है जिसकी उंचाई २ से ४ मीटर होती है और जिसके तने का व्यास ४० सें.मी. तक होता है, इसकी पत्तियां नुकीली होतीं हैं, हर टहनी में ११ से २१ पत्तीदार कमानियां होती हैं और हर कमानी २ से ४ सें.मी. लम्बी व १ से २ सें.मी. चौड़ी होती है, ये पत्तियां बहुत ही ख़ुशबूदार होतीं हैं, इसके फूल छोटे-छोटे सफ़ेद रंग के और ख़ुशबूदार होते हैं, इसके छोटे-छोटे चमकीले काले रंग के फल तो खाए जा सकते हैं, लेकिन इनके बीज ज़हरीले होते हैं, इस प्रजाति को वनस्पतिज्ञ जोहान कॉनिग का नाम दिया गया है।

मीठा नीम का उपयोग :-

बुन्देलखंड प्रान्त में यह पत्ता कढ़ी या करी नामक व्यंजन बनाने में भी उपयुक्त होता है, इसकी पत्तियों को पीस कर चटनी भी तैयार की जाती है, दक्षिण भारत व पश्चिमी-तट के राज्यों और श्री लंका के व्यंजनों के छौंक में खासकर रसेदार व्यंजनों में बिलकुल तेज पत्तों की तरह इसकी पत्तियों का उपयोग बहुत महत्त्व रखता है, साधारणतया इसे पकाने की विधि की शुरुआत में कटे प्याज़ के साथ भुना जाता है, इसका उपयोग थोरण, वड़ा, रसम और कढ़ी बनाने में भी किया जाता है, इसकी ताज़ी पत्तियां न तो खुले में और न ही फ्रिज में ज़्यादा दिनों तक ताज़ा रहतीं हैं, वैसे ये पत्तियां सूखी हुई भी मिलती हैं पर उनमें ख़ुशबू बिलकुल नहीं के बराबर होती है।

मीठा नीम की पत्तियों का आयुर्वेदिक चिकित्सा में जड़ी-बूटी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, इनके औषधीय गुणों में ऐंटी-डायबिटीक, ऐंटीऑक्सीडेंट, ऐंटीमाइक्रोबियल, ऐंटी-इन्फ्लेमेटरी, हिपैटोप्रोटेक्टिव, ऐंटी-हाइपरकोलेस्ट्रौलेमिक इत्यादि शामिल हैं, कढ़ी पत्ता लम्बे और स्वस्थ बालों के लिए भी बहुत लाभकारी माना जाता है, हालांकि कढ़ी पत्ते का सबसे अधिक उपयोग रसेदार व्यंजनों में होता है पर इनके अलावा भी अन्य कई व्यंजनों में मसाले के साथ इसका इस्तेमाल किया जाता है।

मीठा नीम के औषधीय गुण :-

  • उल्टी और अपच में कढ़ी पत्ते को नींबू के रस और चीनी के साथ लेना फायदेमंद होता है।
  • पेट में गड़बड़ी होने पर कढ़ी पत्ते को पीस छाछ में मिलाकर खाली पेट लेने पर आराम मिलता है।
  • अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और कोई उपाय नहीं सूझ रहा है, तो रोज कुछ पत्तियां चबाएं।
  • दस्त, पेचिश और बवासीर में नरम कढ़ी पत्तियों को शहद के साथ लेने पर आराम मिलता है।
  • कढ़ी पत्ते की जड़ में भी औषधीय गुण होते हैं, यह किडनी के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।
  • जलने और घाव में भी कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है।
  • कढ़ी पत्तों को नारियल के तेल में काला होने तक गर्म करें, इस तेल को बालों की जड़ों में लगाने से बाल मुलायम और चमकीले होंगे।
  • डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए सुबह दस ताजे कढ़ी पत्तों का सेवन नियमित रूप से तीन महीने तक करें।
  • बाल झड़ रहे हों या अचानक सफेद होने लगें तो कढ़ी पत्ता खाएं, आप उसका चूर्ण भी खा सकते हैं।
  • कढ़ी पत्ता हमारी आंखों की ज्योति बढ़ाने में फायदेमंद है, साथ ही कैटरैक्ट यानी मोतियाबिंद जैसी बीमारी को भी दूर करती है।

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