- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
प्रस्तुतकर्ता
Dinesh Chandra
को
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
चम्पा के फायदे
आपने चम्पा के फूल के बारे में बहुत सुना होगा, चम्पा के वृक्ष बड़े और बहुत ही सुन्दर होते हैं, चम्पा के फूल पीले रंग के होते हैं, जो बहुत ही सुगन्धित होते हैं, यह एक जड़ी-बूटी भी है, आयुर्वेद के अनुसार, चम्पा के औषधीय गुण से सिर दर्द, कान दर्द, आंखों की बीमारियों में फायदा ले सकते हैं, मूत्र रोग, पथरी या बुखार होने पर भी चम्पा के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।
champa ke fayde |
इसके अलावा घाव, खांसी, सफेद दाग आदि में चम्पा के औषधीय गुण के फायदे ले सकते हैं, पेट के कई रोगों जैसे पेट दर्द, पेट में कीड़े होने पर या फिर सांप के काटने पर भी चम्पा के इस्तेमाल से लाभ मिलता है, यहां चम्पा के सेवन या उपयोग से होने वाले फायदे और नुकसान की सभी जानकारी दी गई है, आइए जानते हैं :-
चम्पा क्या है ?
चम्पा के वृक्ष लगभग 6 से 8 मीटर ऊँचा होते हैं, ये वृक्ष हमेशा हरा रहते हैं, वृक्ष के तने सीधे, बेलनाकार, गहरे भूरे या भूरे रंग के होते हैं, इसके पत्ते सीधे, 10 से 30 सेमी लम्बे, 4 से 10 सेमी चौड़े, नुकीले, चिकने और चमकीले होते हैं, चम्पा के फूल सुंदर और बहुत ही अधिक सुगन्धित होते हैं, फूल हल्के पीले रंग के होते हैं, इसके फल 7.5 से 10 सेमी लम्बे, अण्डाकार या नुकीले अण्डाकार होते हैं, फल गहरे भूरे रंग के होते हैं।
चम्पा के बीज गोलाकार, चमकीले होते हैं, जो पक जाने पर गुलाबी या गहरे लाल वर्ण के हो जाते हैं, चम्पा के वृक्ष में फूल अप्रैल से सितम्बर और फल दिसम्बर से फरवरी तक होता है, यहां चम्पा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा में लिखी गई है, ताकि आप चम्पा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।
अन्य भाषाओं में चम्पा के नाम
चम्पा का वानस्पतिक नाम Michelia Champaca (मैग्नोलिया चंपका) Magnolia Champaca है और यह Magnoliaceae (मैग्नोलिएसी) कुल का है, इसके अन्य ये भी नाम हैं :-
- Hindi - चम्पा
- English - गोल्डन चम्पा, येल्लो चम्पा
- Sanskrit - चम्पक, हेमफूल, गन्धफली, चाम्पेय
- Assamese - तीतासोप्पा
- Oriya - चोम्पा, चोम्पोको, कंचन
- Kannada - सपींगे
- Gujarati - राय चम्पो, पीटो चम्पो, चम्पो
- Telugu - संपंगी, चम्पा कमु
- Tamil - शंपंगि, शेम्बगाम, चम्बुगम
- Bengali - चांपा, चम्पका
- Nepali - औलीय चेम्प
- Punjabi - चम्बा, चमोटी
- Marathi - सोना चाम्पा, पिंवला चंपा, कुड चंपा
- Malayalam - चम्पकम।
चम्पा के औषधीय गुण
चम्पा के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैं :-
चम्पा कटु, तिक्त, कषाय, शीत, लघु, रूक्ष है, इसके फूल शीत, कषाय, मधुर, चक्षुष्य होते हैं, सुवर्ण चम्पा तिक्त, कटु, मधुर, शीत और पित्तकफशामक होती है, सफेद चम्पा तिक्त, कटु, उष्ण, वातकफशामक होती है, इसके तने छाल उत्तेजक, पूयरोधी, तिक्त, ज्वरहर, आर्तवजनक, शीत और विरेचक होती है, इसकी जड़ का रस कफनिसारक, रक्तस्तम्भक, उद्वेष्टहर, हृदय बलकारक, पाचक, कृमिरोधी और गर्भस्रावी होता है।
चम्पा के फायदे और उपयोग
चम्पा के फायदे, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैं :-
चम्पा सिर दर्द में फायदेमंद है
सिर दर्द में चम्पा के फूल के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं, आप चम्पा के फूल के तेल को सिर पर लगाएं, इसे लगाने से सिर दर्द मिटता है।
चम्पा आंखों की बीमारियों में लाभदायक है
चम्पा के कोमल पत्तों को पीस लें, इसे पानी में मिलाकर छान लें, इसे 1-2 बूंद की मात्रा में आंखों में डालने से आंखों की बीमारियों और सूजन में लाभ मिलता है, उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
चम्पा कान दर्द में उपयोगी है
कान दर्द में भी चम्पा से लाभ मिलता है, चम्पा के फूल के रस को हल्का गुनगुना कर लें, इसे 1-2 बूंद कान में डालें, इससे कान दर्द ठीक हो जाता है।
चम्पा सूखी खांसी में लाभकारी है
सूखी खांसी से परेशान हैं, तो चम्पा के औषधीय गुण से फायदा ले सकते हैं, चम्पा की छाल का 1-2 ग्राम चूर्ण बना लें, इसमें शहद मिलाकर चाटने से सूखी खांसी खत्म हो जाती है।
चम्पा सफेद दाग के इलाज की दवा है
- चम्पा के तेल में तिल का तेल मिला लें, इसे सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है।
- चम्पा के फलों और फूलों को पीस लें, इसे सफेद दाग में डालने से लाभ होता है।
चम्पा मूत्र रोग में सहायक है
चम्पा के 5 से 10 फूलों को पीसकर ठंढई की तरह पिलाएं, इसे मूत्र रोग जैसे पेशाब में दर्द होना, पेशाब रुक-रुक कर होने आदि में फायदा मिलता है, इसके साथ ही गुर्दे के रोग भी खत्म होते हैं।
चम्पा पथरी की बीमारी में गुणकारी है
पथरी होने पर चम्पा के औषधीय गुण से फायदा होता है, 500 मिग्रा चम्पा की जड़ और फूल को बकरी के दूध के साथ पीस लें, इसे पीएं, इससे मूत्राशय की छोटी पथरी निकल जाती है।
चम्पा पेट दर्द में फायदेमंद है
- 5 मिली चम्पा के पत्ते के रस में मधु मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- चम्पा के फूलों का काढ़ा बना लें, 10 से 20 मिली मात्रा में काढ़ा को पिलाने से पेट दर्द ठीक होता है।
चम्पा गैस की समस्या में लाभदायक है
चम्पा के बीजों से तेल निकाल लें, इससे पेट पर मालिश करने से पेट फूलने या गैस की समस्या में लाभ होता है।
चम्पा पेट में कीड़े होने पर उपयोगी है
चम्पा के ताजा पत्ते को पीस कर 5 से 10 मिली रस निकाल लें, इसमें शहद मिलाकर पिलाने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं, बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर मिलें।
चम्पा योनि से बदबू (दुर्गन्ध) के इलाज की दवा है
चम्पा के पत्ते, जाती फूल और मुलेठी से पेस्ट बना लें, इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में लेकर घी में मिला लें, इसे गुनगुना करके योनि में लेप करें, इससे योनि की दुर्गन्ध (बदबू) दूर होती है।
चम्पा दर्द और सूजन में लाभकारी है
शरीर के किसी अंग में दर्द हो, साथ ही सूजन भी हो गई हो, तो आप चम्पा के इस्तेमाल से लाभ ले सकते हैं, इसके लिए चम्पा की छाल को पीस लें, इसे गुनगुना कर बीमार अंग पर लगाएं, इससे दर्द और सूजन ठीक होती है।
चम्पा सिफलिस में फायदेमंद है
सिफलिस में भी चम्पा के औषधीय गुण से फायदा होता है, आप चम्पा के फूलों और फलों को पीस लें, इसे सिफलिश वाले घाव पर लगाएं, इससे बहुत लाभ होता है।
चम्पा घाव के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है
घाव होने पर भी चम्पा से फायदा होता है, चम्पा की जड़ और छाल को पीसकर घाव और सूजन वाले अंग पर लगाएं, इससे सूजन ठीक हो जाती है और घाव जल्दी भर जाता है।
चम्पा गठिया में लाभदायक है
गठिया होने पर रोगी को बहुत तकलीफ झेलनी पड़ती है, गठिया वाले अंग पर चम्पा के पत्तों को पीसकर बांधें, इससे गठिया में फायदा होता है, आप चम्पा के फूल का तेल भी लगा सकते हैं।
चम्पा पैरों के फटने में उपयोगी है
- पैरों की एड़ियां फटने (बिवाई होने) पर चम्पा के इस्तेमाल से लाभ होता है। चम्पा के तेल में तिल का तेल मिला लें, इससे बिवाई का इलाज होता है।
- चम्पा के फलों और फूलों को पीसकर पैरों की त्वचा या एड़ी पर लगाएं, इससे पैरों की बिवाई (एड़ी का फटना) ठीक हो जाता है।
चम्पा मैनिया रोग में सहायक है
पित्त दोष के कारण होने वाले मैनिया रोग में चम्पा के इस्तेमाल से लाभ होता है, मैनिया की बीमारी के इलाज के लिए चम्पा के 4 ताजा फूलों को शहद में मिलाकर खाएं।
चम्पा बुखार के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है
चम्पा की छाल का काढ़ा बना लें, इसे 10 से 15 मिली मात्रा में पिलाने से बुखार ठीक हो जाता है, किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
चम्पा चेहरे की झाई में लाभकारी है
चेहरे की झाई में चम्पा का प्रयोग करें, इससे चेहरे की झाई खत्म होती है, इसके लिए चम्पा के फूलों को पीस लें, इसमें 1-2 बूंद नींबू का रस मिला लें, इसे चेहरे पर लगाने से झांई मिटती है।
चम्पा सांप के काटने पर गुणकारी है
सफेद जाति की चम्पा के फूल की कलियों को पानी के साथ घिस लें, इसे पिलाने से सांप के काटने के कारण होने वाले दर्द, सूजन जैसे दुष्प्रभावों में लाभ होता है।
चम्पा के उपयोगी भाग
चम्पा के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता है :-
- छाल
- जड़
- जड़ की छाल
- पत्ते
- फूल
- फल
- फल की छाल।
चम्पा का इस्तेमाल कैसे करें ?
चम्पा को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए :-
- चूर्ण - 3 से 6 ग्राम
- छाल का चूर्ण - 1 से 2 ग्राम
- पत्ते का रस - 5 से 10 मिली
- काढ़ा - 10 से 15 मिली।
यहां चम्पा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा में लिखी गई है, ताकि आप चम्पा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए चम्पा का सेवन करने या चम्पा का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
चम्पा कहां पाया या उगाया जाता है ?
प्राकृतिक रूप से चम्पा के वृक्ष पूर्वी हिमालय, उत्तर-पूर्वी भारत, पश्चिमी घाट एवं दक्षिण भारत में 1000 मीटर की ऊँचाई पर पाया जाता है, यह एशिया में भारत, म्यान्मार, इण्डोचीन, थाईलैंड, प्रायद्वीप मलेशिया, सुमात्रा, जावा, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश एवं दक्षिण-पश्चिम चीन में पाया जाता है।
पवाँड के फायदे | pavaand ke fayde
- champa ke phool
- champa ke phool kaise hote hain
- champa ke phool in english
- champa ke phool ki photo
- champa ke photo
- champa ke patte
- champa ke beej
- champa ke bhajan
- champa ke flower
- champa ke fayde
- champa ke gun
- champa ke phool hai
- champa ke phool in hindi
- champa ki kalam kaise lagaye
- champa ki kali
- champa ki kalam kaise lagate hain
- champa ki kalam kaise lagaen
- champa ke phool ke fayde
- champa ke ped ke fayde
- champa flower ke fayde
- nag champa ke fayde
- champa methi ke fayde
- champa das ke fayde
- kanak champa ke fayde
- champa das khane ke fayde
- champa phool ke fayde
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Do not spread any kind of dirt on this blog