गवेधुका के फायदे | gavedhuka ke fayde

अस्थिसंहार के फायदे | asthisamhara ke fayde

अस्थिसंहार के फायदे 

अस्थिसंहार नाम से ही यह स्पष्ट हो जाता है की यह हड्डियों से संबंधित नाम हैं, क्योंकि अस्थि का मतलब हड्डी होता है, अस्थिसंहार को हिन्दी में हड्डीजोड़ या हड़जोड़ कहते हैं, अस्थिसंहार को आयुर्वेद में औषधि के रुप में सबसे ज्यादा प्रयोग हड्डियों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसके अलावा भी अस्थिसंहार पेट संबंधी समस्या, पाइल्स, ल्यूकोरिया, मोच, अल्सर आदि रोगों के उपचार में भी काम आता है, आगे अस्थिसंहार किन-किन बीमारियों में फायदेमंद है, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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अस्थिसंहार क्या है ? 

आयुर्वेद में और स्थानीय लोगों में भी अस्थिजोड़ चूर्ण का प्रयोग टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिये करते हैं, इसकी लगभग 8 मी तक लम्बी आरोही पर्णपाती लता होती है, जो देखने में चतुष्कोणीय तथा अस्थि शृंखला जैसी प्रतीत होती है, पुराने तने पत्रविहीन होते हैं, इसका प्रयोग अस्थि संबंधी बीमारियों के चिकित्सा में किया जाता है।

अस्थिसंहार प्रकृति से मधुर, कड़वा, तीखा, गर्म, लघु, गुरु, रूखी, कफवातशामक, पाचक और शक्तिवर्द्धक होता है, अस्थिसंहार कृमि, अर्श या पाइल्स, नेत्ररोग, अपस्मार या मिरगी, घाव या अल्सर, आध्मान या पाचन तथा दर्दनाशक होता है, अस्थिसंहार के पौधे से प्राप्त ग्लूकोसाइड हृदयपेशी पर नकारात्मक क्रोनोट्रापिक प्रभाव डालता है, यह परखनलीय परीक्षण में अस्थिजनन क्रियाशीलता दिखाता है।

अन्य भाषाओं में अस्थिसंहार के नाम 

अस्थिसंहार का वानास्पतिक नाम सीस्सुस क्वॉड्रंगुलारिस है, अस्थिजोड़ वाइटेसी कुल का है, अस्थिजोड़ को अंग्रेजी में बोन सेटर कहते हैं, भारत के विभिन्न प्रांतों में अस्थिसंहार को भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है।

  • Sanskrit - ग्रन्थिमान्, अस्थिसंहार, वज्राङ्गी, अस्थिश्रृंखला, चतुर्धारा
  • Hindi - हड़जोड़, हड़संघारी, हड़जोड़ी, हड़जोरवा
  • Oriya - हडोजोडा 
  • Urdu - हरजोरा 
  • Assamese - हरजोरा 
  • Kannada - मंगरोली, मंगरवल्ली 
  • Gujrati - चौधरी,  हारसाँकल 
  • Tamil - अरुगानी, इन्दीरावल्ली, वज्रवल्ली 
  • Telugu - वज्रवल्ली, नाल्लेरु, नुललेरोतिगे 
  • Bengali - हाड़भांगा, हरजोर 
  • Marathi - कांडबेल, त्रीधारी, चौधरी 
  • Malayalam - बननालमपरान्ता, चांग्लम परांदा
  • English - एडिबल स्टेमड वाइन, वेल्ड ग्रेप, विंग्ड ट्री वाइन 
  • Persian - हर | 

अस्थिसंहार के फायदे 

अब तक हड़जोड़ के बारे में बात कर रहे थे, चलिये जानते हैं कि अस्थिसंहार  हड्डियों के अलावा किन-किन बीमारियों में और कैसे काम करता है।

हड़जोड़ ब्रोंकियल अस्थमा में फायदेमंद है 

ब्रोंकियल अस्थमा में हड़जोड़ का औषधीय गुण लाभकारी साबित हो सकता है, 5 से 10 मिली हड़जोड़ रस को गुनगुना कर पिलाने से तमक श्वास में लाभ होता है।

हड़जोड़ पेट संबंधी समस्याओं में फायदेमंद है 

अक्सर मसालेदार खाना खाने या असमय खाना खाने से पेट में समस्याएं होने लगती है, हड़जोड़ का औषधीय गुण घरेलू इलाज में बहुत काम आता है, 5 से 10 मिली हड़जोड़ पत्ते के रस में मधु मिलाकर पिलाने से पाचन क्रिया ठीक होती है तथा उदर संबंधित समस्याओं से आराम मिलता है।

हड़जोड़ अर्श या पाइल्स से राहत दिलाता है 

अगर ज्यादा मसालेदार, तीखा खाने के आदि है, तो पाइल्स की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है, उसमें  हड़जोड़ का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।

हड़जोड़ उपदंश (जेनिटल पार्ट्स में घाव) में फायदेमंद है 

उपदंश मतलब जननांग यानि जेनिटल पार्ट्स में घाव जैसा हो जाता है, लेकिन इस घाव में दर्द नहीं होता है, एक भाग तालमखाना, 1/2 भाग अस्थिसंहार, 1/4 भाग दालचीनी तथा 2 भाग शर्करा के चूर्ण को 14 दिनों तक दूध के साथ सुबह शाम सेवन करने से उपदंश में लाभ होता है, इसके अलावा हड़जोड़ तने के रस का लेप करने तथा तने के रस का सेवन करने से उपदंश आदि रोगों में लाभ होता है।

हड़जोड़ डिलीवरी के बाद के दर्द से राहत दिलाता है 

हड़जोड़ के तना एवं पत्तों को पीसकर लेप करने से डिलीवरी के दर्द से आराम मिलता है।

हड़जोड़ प्रदर या ल्यूकोरिया में फायदेमंद है 

महिलाओं को अक्सर योनि से सफेद पानी निकलने की समस्या होती है, सफेद पानी का स्राव अत्यधिक होने पर कमजोरी भी हो जाती है, इससे राहत पाने में हड़जोड़ का सेवन फायदेमंद होता है, 5 से 10 मिली हड़जोड़ काण्ड रस का सेवन करने से अनियमित आर्तवस्राव तथा श्वेतप्रदर या सफेद पानी में लाभ होता है।

हड़जोड़ गठिया के दर्द से राहत दिलाता है 

अक्सर उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द होने की परेशानी शुरू हो जाती है, लेकिन हड़जोड़ का सेवन करने से इससे आराम मिलता है, एक भाग छिलका रहित तना तथा आधा भाग उड़द की दाल को पीस कर, तिल तेल में छान कर, वटिका बनाकर सेवन करने से वातरोगों में लाभकारी होता है, 15 दिनों तक अस्थिसंहार का व्यंजन आदि के रूप में सेवन करने से अस्थिभंग या हड्डियों के टूटने में शीघ्र लाभ होता है तथा तीव्र वात के बीमारियों में लाभ मिलता है।

हड़जोड़ हड्डियों को जोड़ने में फायदेमंद है 

हड्डियों को जोड़ने में हड़जोड़ बहुत ही लाभकारी होता है, लेकिन इसके इस्तेमाल करने का तरीका सही होना चाहिए :-

  • भग्न अस्थि या संधि पर हड़जोड काण्ड कल्क का लेप करने से शीघ्र भग्न संधान होता है।
  • 10 से 15 मिली हड़जोड़ स्वरस को घी में मिलाकर पीने से तथा भग्न स्थान पर इसके कल्क में अलसी तैल मिलाकर बांधने से भग्न अस्थि का संधान होता है।
  • 2 से 5 ग्राम हड़जोड़ मूल चूर्ण को दुग्ध के साथ पिलाने से भी टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।

हड़जोड़ रीढ़ की हड्डी के दर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद है 

अगर रीढ़ की हड्डी के दर्द से परेशान हैं, तो हड़जोड़ का औषधीय गुण बहुत फायदेमंद तरीके से काम करता है, हड़जोड़ के पत्तों को गर्म करके सिंकाई करने से दर्द कम होता है।

हड़जोड़ मोच का दर्द कम करने में फायदेमंद है 

अगर मोच आने पर दर्द कम नहीं हो रहा है, तो हड़जोड़ का घरेलू उपाय बहुत ही लाभकारी होता है, हड़जोड़ स्वरस में तिल तैल मिलाकर, पकाकर, छानकर लगाने से मोच तथा वेदना में लाभ होता है।

हड़जोड़ व्रण या घाव में फायदेमंद है 

कभी-कभी अल्सर का घाव सूखने में बहुत देर लगता है या फिर सूखने पर पास ही दूसरा घाव निकल आता है, ऐसे में हड़जोड़ का प्रयोग बहुत ही फायदेमंद होता है, जले हुए घाव अथवा कीट के काटने पर हुए घाव में हड़जोड जड़ के रस का लेप लाभप्रद होता है।

हड़जोड़ पाचन शक्ति बढ़ाता है 

हड़जोड़ में कार्मिनेटिव गुण होता है, जिस वजह से यह पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है, यह एक डाईजेस्टिव प्रकृति की औषधि है और इसके सेवन से भूख भी बढ़ती है, अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें। 

हड़जोड़ कैंसर से लड़ने में मदद करता है 

पूरी दुनिया में कैंसर के मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है, विशेषज्ञों का कहना है कि हड़जोड़ का सेवन कैंसर की रोकथाम में फायदेमंद होता है, इसके औषधीय गुण कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करते हैं।

हड़जोड़ ब्लीडिंग कम करने में फायदेमंद है 

अगर कटने या छिलने पर ब्लीडिंग कम नहीं हो रहा है, तो हड़जोड़ का प्रयोग लाभकारी होता है, हड़जोड़ स्वरस को लगाने से क्षतजन्य रक्तस्राव का स्तम्भन होता है, इसके अलावा 2 से 4 मिली तने और जड़ के रस को पीने से शीताद, दंत से रक्तस्राव, नासिका से रक्तस्राव तथा रक्तार्श या बवासीर में खून आना आदि में काम आता है।

हड़जोड़ शरीर के दर्द से आराम दिलाता है 

हड़जोड़ का सेवन बदन दर्द को भी ठीक करने में कारगर है, इसमें दर्दनिवारक गुण होते हैं, जिस वजह से इसका उपयोग करने पर कुछ ही देर में दर्द से आराम मिल जाता है, इसके लिए सोंठ, काली मिर्च तथा अस्थिसंहार प्ररोह पेस्ट 1 से 2 ग्राम का सेवन करें।

अस्थिसंहार के उपयोगी भाग 

आयुर्वेद में हड़जोड़ के तना, पत्र तथा जड़ का औषधि के रुप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

अस्थिसंहार का इस्तेमाल कैसे किया जाता है ? 

बीमारी के लिए हड़जोड़ के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है, अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए हड़जोड़ का उपयोग कर रहे हैं, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें, चिकित्सक के परामर्शानुसार- 2 से 4 मिली तने जड़ का रस, 1 से 2 ग्राम पेस्ट, 5 से 10 मिली पत्ते का रस।

अस्थिसंहार कहां पाया या उगाया जाता है ? 

समस्त भारत के उष्ण प्रदेशों तथा पश्चिमी हिमालय में उत्तराखण्ड से लेकर पश्चिमी घाट के वनों तक यह पाया जाता है।

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