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प्रस्तुतकर्ता
Dinesh Chandra
को
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गुलाब के फायदे
गुलाब का नाम सुनते ही होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान आ जाती है, गुलाब एक ऐसा फूल है जिसका पौधा कंटीला होने के बावजूद फूल इतना मनमोहक होता है, कि सबका दिल महक और सुंदरता से मोह लेता है, इसके मुग्ध रूप के अलावा औषधीय गुण भी अनगिनत हैं, आयुर्वेद में गुलाब का इस्तेमाल कई बीमारियों के लिए इलाज के रूप में प्रयोग किया जाता है।
gulab ke fayde |
गुलाब क्या है ?
गुलाब बहुवर्षीय, झाड़ीदार, कंटीला, पुष्पीय सुगंधित पौधा होता है, इसका प्रयोग आँख, कान, तरह-तरह के चर्म रोग, बुखार के इलाज में आम तौर पर इस्तेमाल किया हाता है, गुलाब देखने में सुंदर होने के बावजूद, विशेष रूप से बिच्छु और साँप के विष के प्रभाव को कम करने में असरदार तरीके से काम करता है, फूल के रंगों के आधार पर इसकी कई प्रजातियां होती हैं, इसके फूलों से गुलकन्द तथा कई प्रकार के सुगन्धित इत्र बनाए जाते हैं।
अन्य भाषाओं में गुलाब के नाम
गुलाब का वानास्पतिक नाम रोजा सेन्टिफोलिया होता है, इसका कुल रोजेसी होता है और इसको अंग्रेजी में रोज कहते हैं, चलिये अब जानते हैं कि गुलाब और किन-किन नामों से जाना जाता है।
- Sanskrit - तरुणी, देवतरुणी, शतपत्री, कर्णिका, चारुकेशरा, गन्धाढ्या, महाकुमारी, लाक्षापुष्पा
- Hindi - गुलाब
- Kannada - गुलाबि
- Gujrati - गुलाब
- Tamil - इरोजा, रोजा, गोलप्पु
- Telugu - गुलाबीपुवु, रोजापुत्वू
- Bengali - गोलाम, गोलाप
- Nepali - गुलाब
- Punjabi - गुलाब, गुलेसुर्ख
- Malayalam - गुलाबपुष्पम, पनीनिरपुष्पम
- English - कैबेज रोज, हॅन्ड्रड लीव्ड रोज, फ्रेंच रोज, प्रोवेन्स रोज
- Arbi - वर्द, अलिका
- Persian - गुले सुर्ख, गुल।
गुलाब के औषधीय गुण
गुलाब किन-किन बीमारियों के लिए प्रयोग में लाया जाता है, ये जानने से पहले इसके औषधीय गुणों के बारे में जान लेना ज़रूरी है।
- गुलाब मधुर, कड़वा, तीखा, शीतल, लघु, चिकना, वातपित्त कम करने वाला, लिबिडो, हृदय संबंधी बीमारी, पौष्टिकता सोखने का गुण, रुचिकारक, खाना पचाने में सहायक, आँखों के लिए फायदेमंद, शुक्रल, दीपन, वर्ण्य तथा रसायन गुण से भरपूर होता है।
- यह मुख संबंधी रोग, रक्तपित्त, नाक-कान से खून बहने की बीमारी, दाह या जलन, तृष्णा या प्यास लगने का रोग, विष, छर्दि या उल्टी तथा रक्तातिसारनाशक या दस्त से खून निकलने जैसे बीमारियों के इलाज में लाभदायक होता है।
- गुलाब के फूल शीतल, वर्ण्य, वातपित्त कम करने वाला, विदाह नाशक या जलने की अनुभूति कम करने में सहायक, कास या खांसी, श्वसनिकाशोथ, व्रण या अल्सर, सांस की बदबू, अजीर्ण या बदहजमी, आध्मान या पेट फूलना, उदरशूल या पेट में दर्द, त्वक् रोग या चर्म रोग, हृदय रोग, ज्वर, विसर्प या हर्पिज, अर्श या बवासीर तथा सामान्य दौर्बल्य या कमजोरी में लाभप्रद होते हैं।
- गुलाब का अर्क सर, शीत, पूयरोधी या एंटीसेप्टिक, सुंधित, श्रम या मेहनत, दाह या जलन, तृष्णा, पित्तज रोग तथा मुखरोग से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है।
गुलाब के फायदे और उपयोग
गुलाब के फूल महक और देखने में जितने अच्छे होते हैं, उतने ही बीमारियों के इलाज में असरदार तरीके से काम करते है, लेकिन ये किस-किस बीमारियों के इलाज में कैसे उपयोग में लाये जाते हैं, इसके बारे में जानने के लिए जानकारी लेने की ज़रूरत होती है।
गुलाब मुँह संबंधी रोगों से निजात दिलाने में लाभकारी है
गुलाब के फूलों का हिम बनाकर गरारा करने से मुँह के सूजन, सांस की बदबू, तथा गले के दर्द के इलाज में मदद मिलती है, इसके अलावा गुलाब के पत्तों को चबाने से भी मुँह और होंठों की सूजन कम होती है।
गुलाब सिर में होने वाले घाव को ठीक करने में सहायक है
गुलाब के पत्तों को पीसकर लेप करने से सिर में होने वाले घाव, नेत्राभिष्यन्द या मोतियाबिंद, दंतरोग तथा अर्श या पाइल्स में लाभ पहुँचाता है।
गुलाब पलको की सूजन कम करने में सहायक है
गुलाब के फूलों को पीसकर लगाने से पलकों की सूजन कम होने लगती है, इसके अलावा दांत पर मलने से दांत संबंधी रोगों से निजात पाने में मदद मिलती है, इसके अलावा गुलाब के अर्क को २-२ बूँद आंखों में डालने से आँखों के बीमारी से राहत दिलाने में बहुत फायदेमंद होता है।
गुलाब टीबी के इलाज में फायदेमंद है
गुलाब के फूलों का प्रयोग फेफड़ों की बीमारी, टी.बी. की चिकित्सा में किया जाता है, इससे इस रोग के इलाज में मदद मिलती है।
गुलाब पेट संबंधी रोग में फायदेमंद है
२ से ४ ग्राम गुलाब फूल के चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से कब्ज, उदावर्त तथा अतिसार या दस्त में लाभ होता है।
गुलाब गुदाशोथ के इलाज में लाभकारी है
गुलाब के फूलों को तेल में पकाकर, छानकर, तेल को गुदा पर लगाने से गुदा की सूजन कम हो जाती है।
गुलाब यकृत रोग के इलाज में फायदेमंद है
लाल गुलाब के फूलों का प्रयोग रक्त-विकार तथा यकृत् से संबंधित बीमारियों की चिकित्सा में किया जाता है।
गुलाब प्रदर या ल्यूकोरिया से राहत दिलाने में लाभकारी है
गुलाब के फूलों को पीसकर योनि में लगाने से प्रदर में लाभ होता है तथा फूल और जड़ो को पीसकर व्रण या घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
गुलाब कुष्ठ के इलाज में लाभकारी है
गुलाब के फूल कई रंग के होते हैं, उसमें सफेद रंग का फूल कुष्ठ के इलाज में काम आता है, सफेद गुलाब के पुष्पों को पीसकर लगाने से कुष्ठ तथा अन्य पित्त-विकार नष्ट होते हैं।
गुलाब चेचक के इलाज में फायदेमंद है
गुलाब के फूलों को सुखाकर चूर्ण या पाउडर की तरह बनाकर चेचक से पीड़ित व्यक्ति के बिस्तर पर डालने से चेचक के व्रण या घाव जल्दी सूख जाते हैं।
गुलाब घाव को ठीक करने में सहायक है
गुलाब के फलों को पीसकर घाव के ऊपर डालने से घाव से बहता हुआ खून कम होने लगता है और घाव जल्दी सूखने लगता है।
गुलाब बुखार से राहत दिलाने में असरदार है
अगर बुखार कम होने का नाम नहीं ले रहा है, तो गुलाब से बने गुलकन्द का सेवन करने से पित्त ज्वर में लाभ होता है।
गुलाब शीतपित्त के इलाज में सहायक है
१५ से २५ ग्राम गुलकन्द में २ ग्राम सौंफ चूर्ण तथा १० मिली सिरका मिलाकर, सुबह शाम दो बार खिलाने से शीतपित्त में लाभ होता है।
गुलाब बिच्छु के विष के असर को कम करने में सहायक है
लाल गुलाब के फूलों को पीसकर दंश स्थान पर लगाने से वृश्चिक दंश जन्य वेदना तथा सूजन से राहत मिलती है।
गुलाब सांप के विष को कम करने में सहायक है
गुलाब की जड़ को पीसकर सर्पदंश स्थान पर लगाने से दंश के कारण होने वाली पीड़ा, जलन तथा सूजन में लाभ होता है।
गुलाब के उपयोगी भाग
आयुर्वेद के अनुसार गुलाब का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है :-
- पत्ता
- जड़
- फूल |
गुलाब का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए ?
यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए गुलाब का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें, चिकित्सक के सलाह के अनुसार ३ से ६ ग्राम चूर्ण, २० से ४० मिली गुलाब अर्क, १० से २० ग्राम गुलकंद गुलाब की पंखुड़ी से बने ले सकते हैं।
गुलाब कहां पाया या उगाया जाता है ?
गुलाब का जड़ उत्पत्ति स्थान सीरिया तथा ईरान है, यद्यपि यह भारत में भी लगभग सभी बाग-बागिचों में तथा घरों में लगाया जाता है, इसके अतिरिक्त पूरे भारत में मुख्यत उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश तथा गुजरात में इसकी खेती की जाती है।
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