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प्रस्तुतकर्ता
Dinesh Chandra
को
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सीताफल खाने के फायदे
सीताफल को शरीफा भी बोलते हैं, इसका स्वाद अन्य फलों से अलग होता है, आपने सीताफल खाया है, तो इसके स्वाद के बारे में जरूर जानते होंगे, ऊपर से देखने पर सीताफल भले ही थोड़ा खुरदुरा-सा लगता है, लेकिन अंदर का भाग सफ़ेद रंग का और मुलायम होता है, यह बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट फल होता है, अपने रंग-रूप और स्वाद के कारण सीताफल सभी फलों से थोड़ा विशेष बन जाता है।
sitafal khane ke fayde |
दरअसल सीतफल एक ऐसा आहार है, जो शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ कई बीमारियों के उपचार के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है, आयुर्वेद के अनुसार- सीताफल का प्रयोग अनेक रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है, यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके लिए बहुत काम की चीज है, आइए जानते हैं कि आप एक औषधि के रूप में सीताफल का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
सीताफल क्या है ?
सीताफल को शरीफा भी कहते हैं, इसका फल गोल होता है, फल के अंदर का हिस्सा मांसल या गुदायुक्त होता है, सीताफल के बीज चिकने, चमकीले, भूरे-काले रंग के होते हैं, जब सीताफल कच्ची अवस्था में होता है, तो यह थोड़ा पीला, और हरा रंग का होता है, यह आम फलों की तरह ही एक स्वादिष्ट फल है, जिसको लोग बड़ी पसंद से खाते हैं, सीताफल का इस्तेमाल कफ दोष को ठीक करने के लिए, खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए, उल्टी, दांतों के दर्द से आराम पाने के लिए किया जाता है, इसके साथ ही इसका प्रयोग अन्य रोगों में भी होता है।
सीताफल का औषधि के रूप में प्रयोग :-
दस्त में सीताफल का उपयोग लाभदायक
दस्त पर रोक लगाने के लिए सीताफल का प्रयोग कर सकते हैं, इसके लिए शरीफा के वृक्ष के तने का काढ़ा बना लें, इसे १५ से ३० मिली मात्रा में पिएं, इससे दस्त पर रोक लगती है।
सीताफल के प्रयोग से प्रसूता स्त्री को लाभ
मां बनने के तुरंत बाद महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में माताओं को शरीफा का सेवन करना चाहिए, यह फायदा पहुंचााता है, महिलाएं १ से २ ग्राम शरीफा की जड़ के चूर्ण का सेवन करे, इससे प्रसूता संबंधित विकार में लाभ होता है।
रोम छिद्र की बीमारी में शरीफा के उपयोग से फायदा
आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में रोम छिद्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जब रोम छिद्र किसी विकार से ग्रस्त हो जाते हैं, तो त्वचा को इसका नुकसान झेलना पड़ता है, रोम छिद्र विकार को ठीक करने के लिए सीताफल के पत्ते का पेस्ट बना लें और लेप लगाएं, इससे त्वचा के घाव, त्वचा पर होने वाली सूजन और रोम छिद्र की बीमारी में लाभ होता है।
जुएं की परेशानी में सीताफल के इस्तेमाल से फायदा
जूं को लीख भी कहते हैं, पुरुष हों या महिलाएं, सभी को जूं के कारण दैनिक काम-काज में परेशानी का सामना करना पड़ता है, लीख के कारण लोगों को अपने बालों को खुजाना पड़ता है, इस कारण कई बार मजाक का पात्र भी बनना पड़ जाता है, अगर आप भी जूं से परेशान हैं, तो सीताफल का उपयोग कर सकते हैं, सीताफल के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं, इससे जूं मर जाते हैं, इसका प्रयोग करते समय बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि अगर यह आंखों में लग जाए तो आंख खराब हो सकती हैं।
बुखार में सीताफल का इस्तेमाल
ठंड लगकर बुखार आता हो, तो सीताफल के तीन पत्तों को नमक के साथ पीसकर पेस्ट बना लें, इसका सेवन करें, इससे सर्दी वाला बुखार ठीक होता है |
सीताफल के सेवन से होती है कफ की बीमारी ठीक
कफ होना एक बहुत ही साधारण समस्या है, सीताफल के उपयोग से कफ में फायदा लिया जा सकता है, सर्दी-जुकाम या कफ से परेशान लोग सीताफल के तने को चबाएं, इससे सर्दी-जुकाम और कफ में आराम मिलता है।
गुदाभ्रंश में सीताफल का प्रयोग लाभदायक
गुदाभ्रंश गुदा के फैल जाने की स्थिति को कहते हैं, जब कोई व्यक्ति कब्ज या मल के सूख जाने की परेशानी से पीड़ित होता है, तो मल त्यागने के समय उसे जोर लगाना पड़ता है, इससे मल के साथ-साथ गुदा के अंदर वाला मुलायम वाला हिस्सा भी बाहर निकल आता है, इसे ही गुदाभ्रंश कहते हैं, इस रोग को गुदा का चिर जाना या गुदा से कांच निकलना भी कहा जाता है, हालांकि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन बच्चों में अधिक देखी जाती है, इस रोग के कारण गुदा द्वार पर सूजन भी हो जाती है, इसमें सीताफल के इस्तेमाल से बहुत फायदा मिल सकता है, ऐसी बीमारी में सीताफल के पत्तों का काढ़ा बनाकर गुदा पर लगाएं, इससे लाभ होगा।
मधुमेह या डायबिटीज में फायदेमंद सीताफल का सेवन
दुनिया भर में लाखों लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, इस बीमारी के कारण लोगों को कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है, डायबिटीज वाले लोग सीताफल से फायदा ले सकते हैं, इसके लिए सीताफल के पत्तों का १ से ३ ग्राम चूर्ण बनाकर सेवन करें, इससे मधुमेह में लाभ होता है।
सीताफल के सेवन से हिस्टीरिया में फायदा
हिस्टीरिया के कारण रोगी को सामान्य जीवन जीने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, शरीफा से हिस्टीरिया में फायदा मिलता है, सीताफल के पत्ते के रस का नाक से लेने से हिस्टीरिया में लाभ होता है।
गांठ की परेशानी में शरीफा का उपयोग
सीताफल का फायदा गांठ की बीमारी में भी होता है, गांठ होने पर लोग पके हुए सीताफल को कूटकर नमक मिला लें, इससे लेप करने से लाभ होता है।
सीताफल के उपयोगी भाग
सीताफल का उपयोग इस तरह किया जा सकता है :-
- सीताफल के पत्ते |
- सीताफल की छाल |
- शरीफा की जड़ |
- शरीफा के बीज |
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